भारत में डायबिटीज़ तेजी से बढ़ रही है। आज लगभग 7.7 करोड़ लोग टाइप-2 डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और करीब 2.5 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक स्टेज में हैं। ऐसे में खान-पान और लाइफस्टाइल को सही रखना ही सबसे बड़ी दवा है। जयपुर की डायटीशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट नेहा दुआ के अनुसार, कुछ स्मार्ट फूड चॉइस अपनाकर ब्लड शुगर आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
डायबिटीज में डाइट क्यों जरूरी है?
डॉ. युवराज बाते है:
जब खाना पचता है, तो वह ग्लूकोज में बदलकर खून में जाता है। अगर यह शुगर लिमिट से ज्यादा हो जाए, तो वही डायबिटीज़ कहलाती है। इसलिए जो आप रोज़ खाते हैं, वही आपकी शुगर को बढ़ाता या कंट्रोल करता है।
मतलब डाइट सही तो शुगर कंट्रोल आसान।
स्मार्ट फूड के 6 आसान फॉर्मूले (Control Blood Sugar with Smart Foods)
- फैमिली हिस्ट्री को नजरअंदाज मत करें
अगर परिवार में किसी को डायबिटीज़ है, तो HbA1c टेस्ट जरूर करवाएं और उसी के अनुसार डाइट और एक्सरसाइज़ शुरू करें। - कार्बोहाइड्रेट चुनें समझदारी से
कार्ब्स बंद नहीं करने, बल्कि साबुत अनाज, दालें, फल, सब्जियाँ और लो-फैट डेयरी चुनने की जरूरत है। - लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स अपनाएं
बाजरा, हरी सब्जियाँ, दालें धीरे-धीरे शुगर रिलीज करते हैं। वहीं सफेद चावल और मैदा शुगर को तुरंत बढ़ाते हैं। - पोर्शन कंट्रोल – जितना जरूरी, उतना ही खाएं
हेल्दी खाना भी ज्यादा खाया तो शुगर बढ़ेगी। प्लेट में हमेशा कार्ब, प्रोटीन और हेल्दी फैट बैलेंस रखें। - सही फैट चुनना बहुत जरूरी है
नट्स, बीज, ओमेगा-3 वाले फूड्स, जैतून का तेल दिल और शुगर – दोनों के लिए अच्छे हैं।
तले हुए और ट्रांस फैट वाली चीज़ों से बचें। - पैकेट वाला खाना खरीदने से पहले लेबल पढ़ें
शुगर, फैट और कार्ब्स की मात्रा देखकर ही फैसला लें।

डायबिटीज में किन चीज़ों से दूरी रखें या बहुत कम खाएं
बचें इनसे | क्योंकि… |
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मीठी चीज़ें – चीनी, मिठाई, केक, सॉफ्ट ड्रिंक्स | ये ब्लड शुगर तुरंत बढ़ा देती हैं |
मैदा और रिफाइंड अनाज | इनमें फाइबर नहीं होता, शुगर फास्ट बढ़ती है |
ज्यादा स्टार्च वाली सब्जियाँ – आलू, अरबी | कार्ब्स ज्यादा, इसलिए लिमिट में खाएं |
तली और प्रोसेस्ड चीजें | अनहेल्दी फैट और नमक, दिल और शुगर पर असर |
ज्यादा फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स | वजन और शुगर दोनों बढ़ाते हैं |
डॉ. युवराज कहते हैं:
“केवल दवाइयाँ लेने से शुगर कंट्रोल नहीं होती। सही खाना, रोज़ाना की हलचल (एक्सरसाइज़), और समय पर टेस्ट करवाना ही असली समाधान है।”
डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लेकर आप बिना टेंशन के एक हेल्दी और एक्टिव लाइफ जी सकते हैं।
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