आजकल की जीवनशैली में तनाव बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ रही है। लंबे समय तक तनाव रहने से किडनी, हृदय और आंखों पर बुरा असर पड़ता है। इससे बचने के लिए नियमित ध्यान, सही खानपान, और व्यायाम करना जरूरी है। पर्याप्त नींद लेना और डिजिटल डिटॉक्स भी तनाव को कम करने में मदद करते हैं। सकारात्मक सोच बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव (Stress) एक आम समस्या बन चुकी है। मॉडर्न लाइफस्टाइल ने हमें तकनीक तो सिखा दी सुविधा और आराम भी दिया, लेकिन इसके साथ मानसिक और शारीरिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा दिया। इन्हीं में से एक है , वो हैं हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), जिसे सही रूप में ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला करता जाता है।
अगर आप लगातार तनाव में रहते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, या फिजिकल एक्टिविटी से दूर हैं — तो सावधान होने की जरुरत हैं । क्योंकि यह आदतें धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर बढ़ाने और किडनी, हार्ट व आंखों को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं। आइए जानते हैं कि कैसे तनाव हाई बीपी की जड़ बनता है और इसे नियंत्रित करने के सरल उपाय क्या हैं। तनाव और हाई ब्लड प्रेशर का गहरा रिश्ता

जब हमारा मन लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो शरीर में ‘कॉर्टिसोल (Cortisol)’ और ‘एड्रेनालिन (Adrenaline)’ जैसे हार्मोन रिलीज़ होते हैं। ये हार्मोन दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को अस्थायी रूप से बढ़ा देते हैं।
अगर तनाव लंबे समय तक बना रहे, तो ब्लड प्रेशर हमेशा ऊँचा बना रहता है, यही स्थिति धीरे-धीरे क्रॉनिक हाई ब्लड प्रेशर में बदल जाती है।
यह ब्लड प्रेशर हमारी किडनी, हृदय (Heart), आंखों और दिमाग तक को प्रभावित करता है। इसीलिए, हाई बीपी को नज़रअंदाज़ करना कभी भी समझदारी काम नहीं है।
हाई ब्लड प्रेशर के बढ़ने के मुख्य कारण
1. लम्बे समय से लगातार तनाव
हर दिन की चुनौतियां — काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, रिश्तों में अस्थिरता — मन को लगातार बेचैन रखती हैं। इस लगातार बने रहने वाले स्ट्रेस से शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ता है और बीपी असंतुलित हो जाता है।
2. अनियमित दिनचर्या
देर रात तक जागना, नींद की कमी, अनियमित भोजन और आराम का अभाव — ये सभी शरीर के नेचुरल रिदम को बिगाड़ देते हैं, जिससे तनाव और हाई बीपी दोनों बढ़ जाते हैं।
3. गलत खानपान की आदतें
बहुत अधिक नमक, तले-भुने, जंक या प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। इनसे शरीर में सोडियम लेवल बढ़ जाता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
4. फिजिकल एक्टिविटी की कमी
आजकल लोग घंटों मोबाइल या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं। चलना-फिरना बेहद कम हो गया है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन कमजोर होता है और तनाव का असर कई गुना बढ़ जाता है।
5. पर्सनल और प्रोफेशनल प्रॉब्लम्स
रिश्तों में मतभेद, जॉब स्ट्रेस, फाइनेंशियल प्रेशर या अनिश्चितता — ये सभी मानसिक दबाव के रूप में हमारे शरीर पर सीधा असर डालते हैं और ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं।
इन बातों का रखें विशेष ख्याल
हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दवाइयों के साथ लाइफस्टाइल चेंज सबसे जरूरी है। नीचे दिए गए उपाय आपकी दिनचर्या में बड़ा फर्क ला सकते हैं।
1. ध्यान और प्राणायाम
रोजाना कम से कम 20 मिनट ध्यान, मेडिटेशन या प्राणायाम करें। यह मानसिक शांति देता है, तनाव को घटाता है और ब्लड प्रेशर को नेचुरल रूप से नियंत्रित रखता है।
2. फाइबर युक्त आहार लें
अपने खाने में फल और हरी सब्जियां, साबुत अनाज, कम फैट वाले प्रोडक्ट और सीमित मात्रा में नमक को शामिल करें ।
ये फूड्स हृदय को मजबूत रखते हैं और ब्लड प्रेशर को स्थिर करने में मदद करते हैं।
3. डेली एक्सरसाइज को रूटीन बनाएं
हल्का व्यायाम जैसे तेज चलना, योग, साइक्लिंग या स्ट्रेचिंग रोजाना करें।
सिर्फ 30 मिनट का एक्सरसाइज आपके ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बना सकता है और तनाव को कम करता है। इसलिए नियमित एक्सरसाइज को रूटीन को फोलो करे
4. पर्याप्त नींद लें
नींद सिर्फ आराम नहीं, बल्कि शरीर का नेचुरल रिपेयर सिस्टम है।
हर दिन 7 से 8 घंटे की गहरी नींद लें। इससे दिमाग शांत होता है और तनाव स्तर खुद-ब-खुद घट जाता है।
5. डिजिटल डिटॉक्स अपनाएं
मोबाइल, टीवी और सोशल मीडिया से कुछ समय दूरी बनाएं।
दिन में 1-2 घंटे का डिजिटल ब्रेक आपके दिमाग को रिफ्रेश करता है और स्ट्रेस लेवल को कम करता है।
6. पॉजिटिव सोच और आत्म-प्रेरणा रखें
जीवन में छोटी-छोटी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें।
खुद को वक्त दें, अच्छा संगीत सुनें, परिवार के साथ समय बिताएं — ये छोटी बातें आपकी मानसिक सेहत को मजबूत करती हैं।
याद रखें, सकारात्मक सोच ही तनाव से लड़ने की सबसे बड़ी दवा है।
हाई ब्लड प्रेशर से बचने के कुछ स्मार्ट हेल्थ हैबिट्स
- रोजाना ब्लड प्रेशर चेक करें।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
- जंक फूड और अधिक कैफीन से परहेज करें।
- पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
- जरूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह से हर्बल या आयुर्वेदिक सपोर्ट लें।
आयुर्वेद में समाधान: नेचुरल बैलेंस की ओर
आयुर्वेद में हाई ब्लड प्रेशर को “रक्तचाप विकार” कहा गया है, जो मन और शरीर के असंतुलन का परिणाम है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में इसका इलाज केवल दवा से नहीं, बल्कि डाइट, दिनचर्या, ध्यान और औषधीय जड़ी-बूटियों के संयोजन से किया जाता है।
कुछ उपयोगी जड़ी-बूटियां जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं –
- अर्जुन की छाल – हृदय को मजबूत करती है
- अश्वगंधा – तनाव को कम करती है
- ब्राह्मी – मानसिक शांति देती है
- त्रिफला – शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालती है
लेकिन किसी भी हर्बल दवा का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
तनाव और हाई ब्लड प्रेशर एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर एक बढ़ता है तो दूसरा अपने आप उसका परिणाम बन जाता है।
इसलिए अब समय है अपनी जीवनशैली को रीसेट करने का — नियमित दिनचर्या अपनाएं, संतुलित भोजन करें, एक्सरसाइज और मेडिटेशन को जीवन का हिस्सा बनाएं और सबसे ज़रूरी – सकारात्मक सोच बनाए रखें।
याद रखें, स्वस्थ मन ही स्वस्थ शरीर की कुंजी है।
अगर आप लंबे समय से तनाव, थकान या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या महसूस कर रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें।
डॉ. मोङ्गा मेडि क्लिनिक में डॉ. युवराज अरोड़ा मोङ्गा और उनकी अनुभवी टीम आपकी सेहत को प्राकृतिक और वैज्ञानिक तरीके से बेहतर बनाने में मदद करती है।
कॉल करें: +91 8010977000
वेबसाइट: www.drmongaclinic.com
अपनी जिंदगी से तनाव को निकालें और हेल्दी हार्ट के साथ खुशहाल जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
Leave a Reply