मासिक धर्म (पीरियड्स) महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का संकेतक होता है और उनकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बताता है। सामान्यत: महिलाओं के पीरियड्स 28 दिनों के अंतराल पर होते हैं, हालांकि यह समय 21 से 35 दिनों के बीच भी हो सकता है। लेकिन कई बार मासिक धर्म में देरी हो सकती है, जो कि विभिन्न कारणों से हो सकता है।
लेट पीरियड्स के लक्षण क्या होते हैं?(What are the symptoms of late periods?)
लेट पीरियड्स के लक्षण महिलाओं के शरीर में होने वाली शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं। जब मासिक धर्म सामान्य से अधिक समय तक देर से आता है, तो कुछ सामान्य लक्षण हो सकते हैं:
सामान्य से अधिक समय तक पीरियड्स का न आना(Absence of periods for longer than usual)
यदि आपके मासिक धर्म का चक्र 28 दिनों का है और अब यह 35 दिनों से अधिक हो गया है, तो यह पीरियड्स का लेट होना माना जा सकता है। लेकिन यदि आपके पीरियड्स पहले से ही अनियमित रहे हैं, तो यह लक्षण हर महीने के लिए सामान्य हो सकता है।
पेट में दर्द और ऐंठन
लेट पीरियड्स के कारण पेट में दर्द, ऐंठन और हल्का दर्द हो सकता है। यह दर्द शरीर में हार्मोनल बदलावों के कारण होता है। कभी-कभी, पीरियड्स का लेट होना गर्भावस्था का संकेत भी हो सकता है, और पेट में ऐंठन की भावना भी महसूस हो सकती है।
मूड स्विंग्स और मानसिक तनाव
मासिक धर्म के लेट होने पर महिलाएं मानसिक रूप से थोड़ी उत्तेजित और तनाव महसूस कर सकती हैं। हार्मोनल असंतुलन की वजह से मूड स्विंग्स (मूड में अचानक बदलाव) हो सकते हैं। इसके अलावा, पीरियड्स के देरी से आने पर चिंता और घबराहट भी हो सकती है।
हल्का या अधिक रक्तस्राव
कभी-कभी, जब पीरियड्स बहुत देर से आते हैं, तो उनमें रक्तस्राव की मात्रा में भी बदलाव हो सकता है। कुछ महिलाओं को पहले से ज्यादा रक्तस्राव हो सकता है, जबकि कुछ को हल्का रक्तस्राव हो सकता है।
स्तन में सूजन या कोमलता
लेट पीरियड्स के दौरान स्तन में सूजन या कोमलता महसूस हो सकती है। यह भी हार्मोनल बदलाव का एक सामान्य लक्षण होता है। स्तन की संवेदनशीलता बढ़ सकती है, खासकर जब पीरियड्स का समय नजदीक हो।
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लेट पीरियड्स के सामान्य कारण(Common causes of late periods)
मासिक धर्म में देरी के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
गर्भावस्था (Pregnancy)
यदि आपकी प्रजनन क्षमता सक्रिय है और आप गर्भवती नहीं हैं, तो सबसे पहले आपको गर्भावस्था की संभावना की जांच करनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते हैं।
तनाव (Stress)
शारीरिक और मानसिक तनाव का सीधा असर आपके मासिक धर्म पर पड़ सकता है। जब आप अधिक तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर कोर्टिसोल और एड्रिनालिन जैसे तनाव हार्मोन का उत्पादन करता है, जो मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकते हैं।
वजन में बदलाव (Weight Changes)
अत्यधिक वजन कम करना या वजन बढ़ाना भी मासिक धर्म चक्र में असंतुलन पैदा कर सकता है। अत्यधिक वजन घटाना या वजन बढ़ाना हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जिससे पीरियड्स में देरी हो सकती है।
स्वास्थ्य समस्याएं (Health Conditions)
कुछ स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि थायरॉइड विकार (Hypothyroidism या Hyperthyroidism), अंडाशय के सिस्ट, या एंडोमेट्रियोसिस, मासिक धर्म चक्र में असंतुलन पैदा कर सकती हैं। ऐसे मामलों में पीरियड्स का लेट होना एक सामान्य लक्षण हो सकता है।
अत्यधिक व्यायाम (Excessive Exercise)
बहुत ज्यादा शारीरिक व्यायाम करने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो मासिक धर्म के चक्र को प्रभावित कर सकता है। एथलीट्स या व्यायाम के प्रति अधिक जागरूक महिलाएं अक्सर इस समस्या का सामना करती हैं।
गर्भनिरोधक दवाइयां (Contraceptive Pills)
गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करने से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है, खासकर जब महिलाएं इन गोलियों का सेवन करना बंद कर देती हैं। ये दवाएं हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती हैं।
लेट पीरियड्स से संबंधित क्या करें?(What to do regarding late periods?)
अगर आपके पीरियड्स लेट हो गए हैं, तो सबसे पहले गर्भावस्था का टेस्ट करें। यदि टेस्ट नेगेटिव है और पीरियड्स फिर भी नहीं आ रहे हैं, तो निम्नलिखित कदम उठाएं:
- तनाव कम करने की कोशिश करें: योग, ध्यान और शारीरिक व्यायाम से तनाव को कम करें।
- स्वस्थ आहार लें: सही आहार और जीवनशैली अपनाएं। अत्यधिक वजन घटाने या बढ़ाने से बचें।
- डॉक्टर से परामर्श लें: अगर पीरियड्स लगातार लेट हो रहे हैं, तो यह हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड, या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष(Conclusion)
मासिक धर्म में देरी होना कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो, तो आपको इसके पीछे के कारणों को समझने की आवश्यकता होती है। यदि आप किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक परेशानी का सामना कर रही हैं, तो इसे अनदेखा न करें और एक डॉक्टर से परामर्श लें।
स्वस्थ जीवनशैली और तनाव को कम करके आप अपने मासिक धर्म चक्र को संतुलित रख सकती हैं, जिससे आपको बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मिलेगा।
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